जानिए कैसे पॉलिथीन की जगह पॉलीबैग को दिनचर्या में लाया जा सकता है
एक जमाना था जब हम लोग कपड़े का थैला लेकर सब्जियां खरीदने के लिए मार्केट में जाते थे तब प्लास्टिक का चलन इतना नहीं था रोजमर्रा की चीजों के लिए हम थैले का इस्तेमाल किया करते थे जो कि कपड़े से बना हुआ था । पॉलिथीन का यूज़ भी बहुत कम था पॉलिथीन इतने चलन में नहीं थी। जैसे-जैसे जमाना बदलता गया लोगों की प्राथमिकता सिंगल यूज प्लास्टिक बनने लगी लेकिन सिंगल यूज प्लास्टिक से बहुत ज्यादा नुकसान इंसानों को जानवरों को और इस एनवायरनमेंट को है क्योंकि यह आसानी से ना गला जा सकती है ना दबाई जा सकती हैं।
प्लास्टिक को जलाएंगे तो इस से निकला हुआ धूमा पूरे इन्वायरमेंट को दूषित करता है जिसकी जहरीली गैस बहुत ही हानिकारक होती है इंसानों और जानवरों के लिए और हमारे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाती हैं ।तभी देख लीजिए आज हम किस सिचुएशन में आ गए हैं गर्मी पड़ती है तो बहुत पड़ती है सर्दी पड़ती है तो बहुत पड़ती है हमारे पर्यावरण में संतुलन अब नहीं रहा है इसका एकमात्र कारण यह है कि हम अपने पर्यावरण के लिए सोचते ही नहीं है बहुत कम लोग हैं जो सोचते हैं और करते भी हैं। कुछ लोगों की सोच ले और करने से इतना लाभ नहीं होगा और इतनी जल्दी असर नहीं पड़ेगा जितना कि सब लोग जागृत हो और स्वयं अपना अपना कर्तव्य निर्वाह करें इस पर्यावरण के लिए तभी यह संभव हो पाएगा।
अगर हम बात करें पॉलिथीन की तो यह हमारे दिनचर्या में शामिल सी हो गई है जब भी हम मार्केट जाते हैं हम पॉलिथीन लेकर ही आते हैं हम आज भी ऐसा कर सकते हैं कि घर में कपड़ों से भरा थैला बनाएं सब्जियां लाएं उसे लेने और जितना हो सके प्लास्टिक को अवॉइड करें और अगर कोई भी प्लास्टिक का यूज़ करते दिखे तो उसको समझाएं बताएं किस के क्या नुकसान है इसे आप अपने पर्यावरण को बचाने के लिए अपना कर्तव्य अपना दायित्व निभा सकते हैं और अपने पर्यावरण को बचा सकते हैं।